शिक्षा शब्द की उत्पत्ति :-
* शिक्षा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के 'शिक्ष ' धातु शब्द में 'आ' प्रत्यय लगने से हुई है।
शिक्ष:- सीखना/ सिखाना
शिक्ष + आ :- सीखने/ सिखाने की प्रक्रिया
* शिक्षा को अंग्रेजी में Education कहते हैं ।Education शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के Educatum शब्द से हुई है।
Educatum शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है:- E + Duco ।
E = अंदर से
Duco = बाहर निकालना या आगे बढ़ाना
एजुकेटम शब्द को अन्य दो नाम से भी जाना जाता है::--
1. Educare
2. Educere
* इन दोनों का भी आशय मनुष्य की आंतरिक विचारों को जागृत करना है।
* प्लेटो के अनुसार शिक्षा चरित्र निर्माण हैं।
@ विज्ञान
अर्थ :-
प्रकृति के सुव्यवस्थित अध्ययन को विज्ञान कहते हैं ।विज्ञान की अनेक शाखाएं हैं:-
1. भौतिक विज्ञान
2. रसायन विज्ञान
3. जीव विज्ञान
4. शिक्षा मनोविज्ञान
@ मनोविज्ञान
मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शनशास्त्र की एक शाखा के रूप में हुई है , जिसका श्रेय मुख्य रूप से अरस्तु को जाता है। अरस्तू को मनोविज्ञान का वास्तविक जनक माना जाता है, क्योंकि जिस प्रकार हम व्यवहार के विज्ञान की सहायता से मनुष्य का अध्ययन करते हैं वह प्रक्रिया अरस्तू ने पहले ही बता दी थी । अरस्तु के काम करने का तरीका आज के व्यवहार के विज्ञान के जैसा ही था।
मनोविज्ञान को अंग्रेजी में Psychology कहते हैं। Psychology शब्द की उत्पति यूनानी एवं ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर हुई है।
Psyche + Logas
Psyche = आत्मा Logas = अध्ययन
* अर्थात मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ आत्मा का अध्ययन करना है।
शिक्षा मनोविज्ञान:-
यह वास्तविक में प्राकृतिक विज्ञान नहीं है क्योंकि इसके अंतर्गत मनुष्य के व्यवहार में मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जो एक जटिल प्रक्रिया है अर्थात मनुष्य की मानसिक प्रक्रियाओं को हम अच्छी तरह नहीं जान सकते इसलिए विज्ञान की शाखा को मनोविज्ञान की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि मनुष्य के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए हम पिन पिन शिक्षण विधियां काम में लेते हैं जिसके फलस्वरूप शिक्षा मनोविज्ञान को विज्ञान की श्रेणी में रखते हैं प्राचीन समय में शिक्षा मनोविज्ञान का अध्ययन करने वाले व्यक्तियों या मनोविज्ञान आंखों को यूनियनिस्ट कहा जाता था तथा यह मनोवैज्ञानिक लेटिन यूनानी ग्रीक साहित्य का अध्ययन करते थे इनमें से एक मनोवैज्ञानिक हीरो मिसस ऐसी मनोवैज्ञानिक थी जिन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर मेरे पास धन होता तो मैं सर्वप्रथम यूनानी ग्रीक व लेटिन साहित्य को खरीदूंगा और पहनने के कपड़े बाद में खरीद लूंगा मनोविज्ञान का क्रमिक विकास.............
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